दुनिया एक संसार है, और जब तक दुख है तब तक तकलीफ़ है।

Monday, May 28, 2007

समेटी हुई चंद तस्वीरें - दो

हिंदी क्षेत्रों की ख़ाक छानने के क्रम में हाथ आई कुछ और भी तस्वीरें. सिलसिला जारी है.



रामजी राय





रामजी राय और नीलाभ लोकयुद्ध के ऑफ़िस में





विमल वर्मा कलकत्ता





कृष्ण बलदेव वैद





सोहन शर्मा बंबई





श्रीकांत जोशी खंडवा





मधुकर सिंह आरा





डाक्टर कुमार विमल पटना





जानकी वल्लभ शास्त्री की गोशाला मुज़फ़्फ़रपुर





इरफ़ान और पुरुषोत्तम मोदी विश्वविद्यालय प्रकाशन,बनारस






द्वारका प्रसाद रांची





चंद्रकांत देवताले और नीलाभ





लखनऊ का कॉफ़ी हाउस





अवधेश प्रधान

1 comment:

Sanjeet Tripathi said...

गज़ब का संग्रह है आपका।
काबिले तारीफ़।
शुक्रिया