दुनिया एक संसार है, और जब तक दुख है तब तक तकलीफ़ है।

Thursday, December 20, 2007

"टूटी हुई बिख्ररी हुई" अब नये लुक में, उर्फ़ जय ब्लॉगबुद्धि


जिस दिन बंबइया ब्लॉगरों ने विकास को तलाशा उसी दिन मैंने विकास की ब्लॉगबुद्धि पर अपनी फरमाइश रख दी थी कि मैं अपने ब्लॉग का टेम्प्लेट इसी रंग विधान में कुछ बदलना चाहता हूँ. मैं असल में उस पेज के दोनों तरफ की पट्टियाँ हटाना चाह रहा था. विकास इस बीच अपनी ज़िंदगी की धुन में मगन हो गये शायद, हालाँकि उन्होंने मुझे एक नमूना अगले ही दिन दिखा दिया था...

रात उनका मेल मिला...":O मुझे लगा कि मैं आपको मेल कर चुका हूँ.

अभी थोड़ी देर में भेजता हूँ."


...और थोडी देर में उन्होंने जो भेजा उसी का नतीजा है- यह नया लुक. मुझे तो ठीक लग रहा है, बस बाईं पट्टी पर पहले से मौजूद फोटो थोडे दबने से बच जाएं और वह पट्टी एक स्थाई डिज़ाइन एलेमेंट की तरह अपना प्रभाव छोडती रहे तो मैं ख़ुश हूँ.

अब आप बताएँ यह बदलाव कैसा है. क्या अलग-अलग आकारों और रेज़ोल्यूशन के मॉनीटर इसका स्वागत कर रहे हैं?

5 comments:

VIMAL VERMA said...

अच्छा तो अपने आपको अपने बदल लिया,अच्छा है,अभी तो और भी सजाएंगे ना? तब कहना भी उचित होगा अभी बहुत कुछ नहीं कह पा रहा >

अभय तिवारी said...

रंग सज्जा पहले से बेहतर है.. पर इस टेम्पलेट ले साथ मुझे जो समस्या लगती रही है वह है बाईं पट्टी का पतलापन.. अगर आप उस की चौड़ाई कुछ इस तरह बढ़वा सकें कि वह मुख्य चिट्ठा क्षेत्र में सेंध न लगाए और पूरे क्षेत्र की चौड़ाई को बढ़ा कर हो.. तो आप का चिट्ठा और शानदार तथा उपयोगी दिखने लगेगा ऐसा मेरा ख्याल है..

Sanjeet Tripathi said...

बधाई। बाईं पट्टी मुख्य क्षेत्र के मुकाबले बहुत पतली लग रही, जैसा कि अभय जी ने कहा अगर उसकी चौड़ाई थोड़ी सी बढ़ाकर मुख्य हिस्से की थोड़ी कम कर दी जाए तो और बढ़िया लगेगा।
हमरे 17 इंची मॉनिटर और हाई रिजोल्यूशन में तो मस्त लग रहा है यह। वैसे ब्लॉग टेम्प्लेट से छेड़छाड़ से दिक्कत आती है लो रिजोल्यूशन वाले 14इंची मॉनिटर में। जैसे मेरा तीन कॉलम वाला ब्लॉग, लो रिजोल्यूशन वाले 14इंची मॉनिटर में सिर्फ़ दो कॉलम नज़र आता है, तीसरा कॉलम देखने के लिए खिसका कर देखना पड़ता है जबकि 17इंची हाई रिजोल्यूशन मे यही तीन कॉलम परफेक्ट दिखाई देता है।

रवि रतलामी said...

मेरे विचार में इसे तीन कॉलम का होना चाहिए. बाएँ बाजू का आधा हिस्सा दाएँ पर आए और सामग्री बीचोंबीच छपे. तब पूरा पेज पढ़ने को गर्दन ज्यादा घुमानी नहीं पड़ेगी. और हां, बाजू पट्टी का आकार बड़ा होना चाहिए

इरफ़ान said...

विमल भाई, अभय भाई और संजीत भाई बहुत आभार कि आपने मनोबल बढाया. रवि जी आपका सुझाव रोचक ध्वनित हो रहा है. तीन तो नहीं मैं बाईं पट्टी के थोडा चौडा होने पर थोडा रोमांचित महसूस ज़रूर करूँगा. लेकिन ये कैसे हो, इसका गणित मुझे नहीं आता. अगर आप भी इस दिशा में सहयोग करें तो आनंद आए. एक बात बताइये यह मोज़िला में कुछ और तथा एक्स्प्लोरर में कुछ और क्यों दिख रहा है. आपने अगर एक्स्प्लोरर में इसे देखा हो तो आपकी राय जानना चाहूंगा. धन्यवाद.