दुनिया एक संसार है, और जब तक दुख है तब तक तकलीफ़ है।

Thursday, April 9, 2009

उट्ठा है तूफान ज़माना बदल रहा

23 साल पहले 25 लोगों ने उदय भाई की अगुआई में एक कैसेट निकाला था. पीछे की कहानी विमल भाई सुनाएँगे. आप मेरी तरफ से ये गीत सुनिए.

12 comments:

इरशाद अली said...

25 साल पूरानी खुशबू मुझे इस गीत से आ रही है।

इरशाद अली said...

23 साल पूरानी खुशबू मुझे इस गीत से आ रही है।

Himanshu Pandey said...

गीत कहाँ से सुनूँ ? कोई लिंक या प्लेयर दिख ही नहीं रहा । क्या समस्या मेरे ब्राउजर की है, या आप की पोस्ट में ही ।

दिनेशराय द्विवेदी said...

इरफान भाई! गीत कहाँ है?

Neeraj Rohilla said...

कहाँ सुनें? कोई लिंक नजर नहीं आ रहा है, :-)

संगीता पुरी said...

सुंदर है ये गीत ..

VIMAL VERMA said...

गीत तो इलाहाबाद में ही रह गया था...जो अब भी वहीं बज रहा है और सिर्फ़ अपने इरफ़ान सुन रहे हैं....अरे इरफ़ान क्यौ अप्रैल फ़ूल बना रहे हैं...

Neeraj Rohilla said...

इरफ़ान जी,
इस गीत को सुनकर अपने स्कूल के दिनों की याद आ गयी। सरस्वती शिशु/विद्या मंदिर में वार्षिक उत्सव के दिनों में इसी प्रकार के गीत खूब गाये हैं अन्य लोगों के साथ मिलकर।

इसको सुनवाने के लिये बहुत आभार,
फ़ायरफ़ाक्स पर कुछ समस्या है इसीलिये अगर किसी को इस गीत को सुनने में समस्या हो तो इंटरनेट एक्सप्लोरर का प्रयोग करें।

विनय (Viney) said...

गीत का प्रस्तुतीकरण बेहतरीन है. कितनी जवान धडकनों को वर्ग संघर्ष के लिए प्रेरित किया होगा इस मधुर गीत ने! शुक्रिया इरफान भाई!
हाँ! फाएर-फॉक्स पर दिक्कत है!शुक्रिया neeraj!

मुनीश ( munish ) said...

it recreates the very foolish old atmosphere of college youthfestivals where all girls and boys are hell bent on changing this world .

Anonymous said...

firefox par koi player nhi dikhta, koshish internet explorer par kamyaaab hogi

vikas zutshi
likhoapnavichar.blogspot.com

VARUN said...

kai koshishon ke bad is geet ko sun paya, achchha hai.....
dhanyavad